
महेंद्र सिंह राय, बिलासपुर 06 जून 2025। मस्तूरी जनपद अंतर्गत पचपेड़ी तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत भिलौनी में अवैध रेत खनन का खेल खुलेआम जारी है, और खनिज विभाग की निष्क्रियता के चलते यह कारोबार लगातार फल-फूल रहा है। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सरपंच प्रतिनिधि सरोज नेताम के संरक्षण में रेत का अवैध उत्खनन रात-दिन बिना किसी भय के किया जा रहा है।
ग्रामीणों की शिकायत है कि सरपंच प्रतिनिधि और उनके छोटे भाई द्वारा रेत की ट्रैक्टर लोडिंग पर ₹300 से ₹250 प्रति ट्रिप की वसूली की जा रही है। अवैध खनन को छुपाने के लिए राजस्व अधिकारियों द्वारा की गई खुदाई को रात में पुनः पाट दिया जाता है, और शिवनाथ नदी से रेत की चोरी बेरोक-टोक जारी रहती है।
बताया जा रहा है कि रेत को दूसरे जिलों में ऊँची कीमत पर बेचा जा रहा है। सरपंच प्रतिनिधि द्वारा खुलेआम यह दावा किया जा रहा है कि,
“कोई भी अधिकारी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, मुझे बड़े अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त है।”
यह रवैया स्थानीय शासन की साख पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है।
रेत घाट बना अपराध का अड्डा
भिलौनी रेत घाट पर सरपंच पति द्वारा दर्जनों युवकों को रात भर तैनात रखा जाता है ताकि कोई अधिकारी या कर्मचारी पहुंचने पर तुरंत सूचना दी जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की नाक के नीचे यह सब हो रहा है, फिर भी खनिज विभाग आंख मूंदे बैठा है।
इस अवैध रेत कारोबार में सिर्फ छोटे ट्रैक्टर मालिकों और वाहन चालकों पर कार्रवाई की जा रही है, जबकि मुख्य माफियाओं पर कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि खनिज विभाग और माफियाओं के बीच सांठगांठ का मजबूत जाल बन चुका है।
मानसून के पहले ही फिर सक्रिय हुए माफिया
सरकारी सुशासन शिविर समाप्त होते ही फिर से रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं। शिवनाथ नदी को गहराई तक खोदकर रेत निकाली जा रही है। क्षेत्र में चार अवैध रेत घाट संचालित हो रहे हैं, जिनमें से दो घाटों पर बड़े स्तर पर रेत उत्खनन किया जा रहा है।
प्रशासन की चुप्पी और जनता की चिंता
भिलौनी के ग्रामीणों की पीड़ा यह है कि उनकी शिकायतें अनसुनी की जा रही हैं। रेत माफिया खुलेआम कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं, और प्रशासनिक अमला मूकदर्शक बना हुआ है। यह स्थिति जनहित और पर्यावरण दोनों के लिए गंभीर संकट बन चुकी है।
प्रश्न यह है: कब होगी इन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई क्या खनिज विभाग जागेगा या इसी तरह कुंभकर्णीय नींद में पड़ा रहेगा?